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Showing posts from May 28, 2021

नक्षत्र क्या है ?

    नक्षत्र  अंतरिक्ष में चंद्रमा की गति और पृथ्वी के चारों ओर घूमने की या परिक्रमा करने की प्रक्रिया अनवरत चलती है। चंद्रमा पृथ्वी की पूरी परिक्रमा 27.3 दिनों में करता है और 360 डिग्री की इस परिक्रमा के दौरान सितारों के 27 समूहों के बीच से गुजरता है। चंद्रमा और सितारों के समूहों के इसी तालमेल और संयोग को नक्षत्र कहा जाता है।  जिन 27 सितारों के समूह के बीच से चंद्रमा गुजरता है वही अलग अलग 27 नक्षत्र के नाम से जाने जाते हैं। हमारा पूरा तारामंडल इन्हीं 27 समूहों में बंटा हुआ है। चंद्रमा का हर एक राशिचक्र 27 नक्षत्रों में विभाजित है। किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में होगा या सितारों के जिस समूह से होकर गुजर रहा होगा वही उसका जन्म नक्षत्र माना जाता है। यही आपकी किस्मत की चाभी होती है। सभी 27 नक्षत्रों के नाम निम्न है – 1. आश्विन , 2. भरणी , 3. कृतिका , 4. रोहिणी , 5. मृगशिरा , 6. आर्द्रा 7. पुनर्वसु , 8. पुष्य , 9. आश्लेषा , 10. मघा (सिंह) , 11. पूर्वा फाल्गुनी , 12. उत्तरा फाल्गुनी (कन्या) , 13. हस्त , 14. चित्रा , 15. स्वाति , 16. विशाखा , 17. अ...

घाघ की कहावतें

  पुराने समय में जब आधुनिक तकनीकों का प्रचलन नहीं था , उस समय मौसम आधारित भविष्‍यवाणियां सटीक होती थीं , जो अनुभवी लोगों द्वारा समय-समय पर की जाती थीं। ऐसे ही अनुभवी कवियों में माने जाते हैं महाकवि घाघ।   घाघ के कृषिज्ञान का पूरा-पूरा परिचय उनकी कहावतों से मिलता है।  उत्तम खेती मध्यम बान , निकृष्ट चाकरी , भीख निदान। 1 । खेती करै बनिज को धावै , ऐसा डूबै थाह न पावै। 2 । उत्तम खेती जो हर गहा , मध्यम खेती जो सँग रहा। 3 । जो हल जोतै खेती वाकी और नहीं तो जाकी ताकी। 4 । खादों के संबंध में घाघ के विचार अत्यंत पुष्ट थे। उन्होंने गोबर , कूड़ा , हड्डी , नील , सनई , आदि की खादों को कृषि में प्रयुक्त किए जाने के लिये वैसा ही सराहनीय प्रयास किया जैसा कि 1840 ई. के आसपास जर्मनी के सप्रसिद्ध वैज्ञानिक लिबिग ने यूराप में कृत्रिम उर्वरकों के संबंध में किया था। घाघ की निम्नलिखित कहावतें अत्यंत सारगर्भित हैं  : खाद पड़े तो खेत , नहीं तो कूड़ा रेत। 5 । गोबर राखी पाती सड़ै , फिर खेती में दाना पड़ै। 6 । सन के डंठल खेत छिटावै , तिनते लाभ चौगुनो पावै। 7 । गोबर , मैला , नीम की खली , या से खेत...

चटनियां

 🍀 एंटीऑक्‍सीटेंड के सेवन का सबसे आसान तरीका है चटनियां 🍀 आजकल आहार विशेषज्ञों द्वारा एंटीऑक्सीडेंट का सेवन करने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये इम्युनिटी बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मगर हर चीज़ के लिए सप्लीमेंट लेना  उचित नहीं है। इनके सेवन का सबसे अच्छा तरीका है इन्हें आहार में शामिल करना। रंग-बिरंगी गोलियों और कैप्‍सूल के रूप में एंटीऑक्‍सीडेंट लेने से बेहतर है मुंह में पानी ले आने वाली इन चटनियों का सेवन किया जाए। सबसे पहले यह समझते हैं कि आखिर एंटीऑक्‍सीटेंड का सेवन इतना महत्वपूर्ण क्यों है। एंटीऑक्‍सीटेंड क्या है एंटीऑक्सीडेंट अणु होते हैं, जो आपके शरीर में मुक्त कणों से लड़ते हैं। मुक्त कण ऐसे यौगिक होते हैं, जो आपके शरीर में उनका स्तर बहुत अधिक हो जाने पर नुकसान पहुंचा सकते हैं। वे मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर सहित कई बीमारियों से जुड़े हुए हैं। कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी की वैज्ञानिक डॉ पूनम सिंह बताती हैं कि एंटीऑक्सीडेंट भोजन में पाए जाते हैं, विशेष रूप से फलों, सब्जियों और अन्य पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों में। कई विटामिन, जैसे विटामिन ई और सी, एक प्रभ...

हमें मुर्ख बनने में मजा आता है.

 🍀 उपभोगवाद की हकीकत 🍀 1.  सर में भयंकर दर्द था सो अपने परिचित केमिस्ट की दुकान से सर दर्द की गोली लेने रुका। दुकान पर नौकर था, उसने मुझे गोली का पत्ता दिया , तो उससे मैंने पूछा गोयल साहब कहाँ गए हैं , तो उसने कहा साहब के सर में दर्द था , सो सामने वाली दुकान में कॉफी पीने गये हैं। अभी आते होंगे! मैं अपने हाथ मे लिए उस दवाई के पत्ते को देखने लगा.? 2. माँ का ब्लड प्रेशर और शुगर बढ़ा हुआ था , सो सवेरे सवेरे उन्हें लेकर उनके पुराने डॉक्टर के पास गया। क्लिनिक से बाहर उनके गार्डन का नज़ारा दिख रहा था , जहां डॉक्टर साहब योग और व्यायाम कर रहे थे। मुझे करीब 45 मिनिट इंतज़ार करना पड़ा।  कुछ देर में डॉक्टर साहब अपना नींबू पानी लेकर क्लिनिक आये , और माँ का चेक-अप करने लगे। उन्होंने मम्मी से कहा आपकी दवाइयां बढ़ानी पड़ेंगी , और एक पर्चे पर करीब 5 या 6 दवाइयों के नाम लिखे। उन्होंने माँ को दवाइयां रेगुलर रूप से खाने की हिदायत दी। बाद में मैंने उत्सुकता वश उनसे पूछा कि... क्या आप बहुत समय से योग कर रहे हैं.? तो उन्होंने कहा कि... पिछले 15 साल से वो योग कर रहे हैं , और ब्लड प्रेशर व अन्य बहु...