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Showing posts from June 27, 2023

षड्बल ! ग्रहों के बल का मापक

ग्रहों के बल का मापक षड्बल आचार्य अविनाश सिंह भविष्यकथन में ग्रह बल की गणना अति आवश्यक है। यदि ग्रह योगकारक है तो वह पूर्ण फल तभी दे सकता है जब वह बली हो। मारक ग्रह निष्फल हो सकता है यदि वह निर्बल हो। इस बलाबल को जानने के लिए ज्योतिष की सर्वोत्कृष्ट पद्धति है-षड्बल ...  प्रश्न: ज्योतिष में षड्बल का क्या महत्व है?  उत्तर: षड्बल फलित एवं सिद्धांत ज्योतिष का अभिन्न अंग है जिसमें ग्रहों की शक्तियों का अध्ययन किया जाता है। इन शक्तियों के अध्ययन का मुख्य उद्देश्य फलित कथन में दृढ़ता लाना है। किसी भी ग्रह के बल को जाने बिना उसका फलक. थन सही से नहीं किया जा सकता। इसलिए ज्योतिष में षड्बल का विशेष महत्व है।  प्रश्न: षड्बल से क्या अभिप्राय है?  उत्तर: षड्बल अर्थात छः प्रकार के बल होते हैं: 1. स्थानबल, 2. दिग्बल, 3. कालबल, 4. चेष्टाबल, 5. नैसर्गिक बल, 6. दृष्टिबल। इन्हें षड्बल कहते हैं।  प्रश्न: ग्रह स्थानबल कैसे प्राप्त करता है?  उत्तर: ग्रह अपना स्थान बल पांच प्रकार से प्राप्त करता है। 1. उच्च बल, 2. सप्तवर्गीय बल, 3. ओजयुग्म बल, 4. केंद्रादि बल, 5. द्रेष्काण बल। 1. ...