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Showing posts from May 26, 2021

वैदिक घड़ी

पूर्ण स्वयंचालित प्रणाली द्वारा किसी न किसी रूप में वर्तमान समय को प्रदर्शित करती हैउसे घड़ी कहते है। घड़ियाँ कई सिद्धान्तों से बनायी जाती हैं। जैसे  धूप घड़ी ,  यांत्रिक घड़ी ,  एलेक्ट्रॉनिक घड़ी   वैदिक घड़ी   आदि| वैदिक घड़ी - हर घड़ी में 12 भाव (घंटा )(बजने का स्थान) होते है| उसी तरह  वैदिक घड़ी में भी 12 भाव होते है और हर भाव हमें कुछ सिखाता है,हर भाव का अलग अर्थ होता है| ◆ 12:00 बजने के स्थान पर आदित्या: लिखा हुआ है , जिसका अर्थ यह है कि सूर्य 12 प्रकार के होते हैं. अंशुमान , अर्यमन , इंद्र , त्वष्टा , धातु , पर्जन्य , पूषा , भग , मित्र , वरुण , विवस्वान और विष्णु। ◆ 1:00 बजने के स्थान पर ब्रह्म लिखा हुआ है , इसका अर्थ यह है कि ब्रह्म एक ही प्रकार का होता है। एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति ◆ 2:00 बजने की स्थान पर अश्विनौ लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि अश्विनी कुमार दो हैं। ◆ 3:00 बजने के स्थान पर त्रिगुणा: लिखा हुआ है , जिसका तात्पर्य यह है कि गुण तीन प्रकार के हैं। सतोगुण , रजोगुण और तमोगुण। ◆ 4:00 बजने के स्थान पर चतुर्वेदा: लिखा हुआ है , जिसका ...