Skip to main content

Posts

Showing posts from February 27, 2025

देहरक्षा का कवच मन्त्र

देहरक्षा का कवच मन्त्र   उत्तर बांधों, दक्खिन बांधों, बांधों भरी मसानी डायन, भूत के गुण बांधों, बांधों कुल परिवार नाटक बांधों, नाटक बांधों, बांधों भुइयां बैताल नजर गुजर देह बांधों, रामदुहाई फेरों। दशहरा, होली, दीपावली अथवा ग्रहणकाल में इस मन्त्र को एक हजार आठ की संख्या (दस माला) में जपकर सिद्ध कर लें। अब जब भी शरीर के सुरक्षा की आवश्यकता पड़े तो मन्त्र का ग्य:ह बार उच्चारण करके अपनी शिखा में गाँठ लगा लें। जिसकी शिखा न हो, वह अपने हाथों की हथेलियों पर ग्यारह बार मन्त्र पढ़कर ग्यारह ही बार फूंक मारें और उन हथेलियों को वह अपने पूरे शरीर पर फिरा दे। इस क्रिया से शरीर बंधकर हर बला से सुरक्षित हो जायेगा। ॐ नमो परमात्मने, परब्रह्म मम शरीरे, पाहि पाहि कुरु कुरु स्वाहा। यह मन्त्र एक ऐसा सुरक्षा कवच का कार्य करता है, जिसे आसानी से कोई भेद नहीं सकता। इसे सिद्ध व प्रयोग करना बहुत सरल है। शिवरात्रि, होली, दीपावली, किसी ग्रहण अथवा सायन संक्रांति के पुण्यकाल या क्रांति साम्य के समय ग्यारह माला (एक माला =१०८ दाने) मन्त्र का जप करें। इस प्रकार जब मन्त्र सिद्ध हो जाए तो प्रयोग के समय एक माला मन्त्र ...

सुपरफूड्स

सुपरफूड्स · थकान : भुने चने खाएं। पेट गैस: अजवाइन और एक चुटकी हींग लें। नींद: गुनगुना दूध + शहद पिएं। फटी त्वचा: नारियल तेल में कपूर मिलाकर लगाएं। याददाश्त: अखरोट और भीगे बादाम खाएं। सर्दी-खांसी: तुलसी की चाय पिएं।  ब्लड प्रेशर: 1 गिलास करेले का जूस लें। पाचन: सौंफ और मिश्री चबाएं। तेज़ धड़कन: बेल जूस पिएं या इलायची खाएं। . थायराइड: भुना चना और अलसी खाएं। डिहाइड्रेशन: नींबू और पुदीना पानी पिएं। सूजन: तरबूज खाएं। कब्ज: गुनगुने पानी में नींबू डालकर पिएं।  जोड़ दर्द: हल्दी-दूध पिएं। ब्लड शुगर: मेथी दाने भिगोकर खाएं। दिलः अनार और अंगूर खाएं। पेट दर्द: अदरक का काढ़ा पिएं। मांसपेशियां: केले और दूध का शेक लें। इम्यूनिटी: काढ़ा (तुलसी, अदरक, काली मिर्च) पिएं। पोषण: रोज 1 कटोरी मिक्स सलाद खाएं।

ताश का आधार वैज्ञानिक

ताश का खेल मनोरंजन के लिए हर जुगहू खेला जाता है। लेकिन शायद कुछ ही लोग जानते होंगे कि ताश का आधार वैज्ञानिक है, व साथ साथ ही प्राकृति से भी जुड़ा हुआ है ...  आयताकार मोंटे कागज़ से बने पत्ते चार प्रकार के ईंट,पान, चिड़ी, और हुक्म ... प्रत्येक 13 पुत्तों को मिलाकर कुल 52 पत्ते होते हैं पत्ते एक्का से दस्सा, गुलाम, रानी एवं राजा 1. 52 पत्ते .52 सप्ताह 2. 4 प्रकार के पत्ते ....... 4 ऋतु 3. प्रत्येक रंग के 13 पत्ते .... प्रत्येक ऋतु में 13 सप्ताह 4. सभी पुत्तों का जोड़ .. 1 से 13 = 91 x4 = 364 5. एक जोकर .. 364+1= 365 दिन ... 1 वर्ष 6. दूसरा जोकर गिने .. 365+1=366 दिन, लीप वर्ष 7. 52 पत्तों में 12 चित्र वाले पत्ते - 12 महिने 8. लाल और काला रंग ... दिन और रात पत्तों का अर्थ :- 1 दुक्की - पृथ्वी और आकाश 2. तिक्की- ब्रम्हा, विष्णु, मृहेश 3. चौकी - चार वेद (अथर्व वेद, सामवेद, ऋग्वेद, अथर्ववेद) 4. पंजी - पंच प्राण (प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान्) 5. छक्की - षड रिपू (काम, क्रोध, मद, मोह, मत्सर, लोभ) 6. सत्ती- सात सागर 7. अटठी- आठ सिद्धी 8. नव्वा- नौ ग्रह 9. दस्सी- दस इंद्रियां 10. गुलाम- मन...