अमृत है गाय का घी : आयुर्वेद में घी को औषधि माना गया है। घर का बना हुआ घी बाजार के मिलावटी घी से कहीं बेहतर होता है। घी पर हुए शोध बताते हैं कि इससे रक्त और आंतों में मौजूद कोलेस्ट्रॉल कम होता है। घी नाड़ी प्रणाली एवं मस्तिष्क के लिए भी श्रेष्ठ औषधि माना गया है। इससे आंखों पर पड़ने वाला दबाव कम होता है । औषधि के रूप में गाय का घी : गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है । गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है । 20-25 ग्राम गाय का घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है । गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है । नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है । गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लोट आती है गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है । गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिल...
जादू-टोना, रोचक तथ्य "आध्यात्मिक जानकारी" के साथ आपकी स्वास्थ्य समस्या का समाधान। सारी जानकारी पुरानी किताब, निजी अनुभव, हमारे अघोरी मित्र, ग्रामीण ओझा , भगत जी और इंटरनेट से ली गई है।