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Showing posts from October 8, 2020

अमृत है गाय का घी

अमृत है गाय का घी  : आयुर्वेद में घी को औषधि माना गया है।  घर का बना हुआ घी बाजार के मिलावटी घी से कहीं बेहतर होता है। घी पर हुए शोध बताते हैं कि इससे रक्त और आंतों में मौजूद कोलेस्ट्रॉल कम होता है।  घी नाड़ी प्रणाली एवं मस्तिष्क के लिए भी श्रेष्ठ औषधि माना गया है। इससे आंखों पर पड़ने वाला दबाव कम होता है । औषधि के रूप में गाय का घी : गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है । गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है  गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है । 20-25 ग्राम गाय का घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है । गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है । नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है । गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लोट आती है  गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है । गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिल...

मरिच

मरिच का परिचय (Introduction of Black Pepper) भारत में ऐसा कोई घर नहीं होगा जहाँ काली मरिच का प्रयोग नहीं होता हो। यह मसालों (Spice) की रानी मानी जाती है। चाहे हम कोई भी सब्जी बनाएं। सब्जी सूखी हो या रसेदार या फिर नमकीन से लेकर सूप आदि तक, हरेक व्यंजन में काली मरिच का प्रयोग जरूर होता है। भोजन में काली मरिच का इस्तेमाल (kali mirch uses)केवल स्वाद के लिए नहीं किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक (Black Pepper Health Benefits) है। काली मरिच एक अच्छी औषधि भी है। लंबे समय से आयुर्वेद में इसका औषधीय प्रयोग होता रहा है। वास्तव में काली मरिच के औषधीय गुणों के कारण ही इसे भोजन में शामिल किया जाता है। काली मरिच का प्रयोग रोगों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। काली मरिच के काफी अधिक औषधीय लाभ हैं। यह वात और कफ को नष्ट करती है और कफ तथा वायु को निकालती है। यह भूख बढ़ाती है, भोजन को पचाती है, लीवर को स्वस्थ बनाती है और दर्द तथा पेट के कीड़ों को खत्म करती है। यह पेशाब बढ़ाती है और दमे को नष्ट करती है। तीखा और गरम होने के कारण यह मुँह में लार पैदा करती है और शरीर के समस्त स्रोतो...