नवमेश (भाग्येश) का कुंडली के सभी बारह भावों में फल कुंडली के नवम भाव को भाग्य का भाव कहा जाता है एवं इस भाव के स्वामी को नवमेश कहा जाता है | ज्योतिष में नवम भाव भाग्य, धर्म, पिता, उच्च-शिक्षा एवं विदेश यात्रा का होता है | कुंडली के अलग-अलग भावों में बैठकर नवमेश अलग-अलग फल प्रदान करता है | आइए जानते हैं कि “नवमेश (भाग्येश) का कुंडली के सभी बारह भावों में फल” क्या होगा ? नवमेश प्रथम भाव में :- नवमेश के प्रथम भाव में होने से जातक अपने जीवन में अपने प्रयासों से अत्यधिक समृद्धि अर्जित करता है, एवं आत्मनिर्भर होता है | ऐसा जातक धर्मपारायण, शिक्षित, आकर्षक एवं प्रसिद्ध होता है | यदि भाग्येश लग्न में लग्नेश के साथ स्थित हो तो शुभ राजयोग का निर्माण होता है | नवमेश द्वितीय भाव में :- नवमेश के द्वितीय भाव में होने से जातक विद्वान, धनवान, सुखी जीवन जीने वाला एवं सबका प्रिय होता है | ऐसे जातक के पिता शक्तिशाली एवं संपन्न व्यक्ति होते हैं एवं उसे अत्यधिक पैतृक संपत्ति मिलने की संभावना होती है | किंतु नवमेश के पीडित हो...
जादू-टोना, रोचक तथ्य "आध्यात्मिक जानकारी" के साथ आपकी स्वास्थ्य समस्या का समाधान। सारी जानकारी पुरानी किताब, निजी अनुभव, हमारे अघोरी मित्र, ग्रामीण ओझा , भगत जी और इंटरनेट से ली गई है।