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Showing posts from April 9, 2023

हर नक्षत्र का होता है एक स्वामी ग्रह

-:  हर नक्षत्र का एक स्वामी ग्रह भी होता है :- सूर्य:-           कार्तिक ,  उत्तरा फाल्गुनी ,  उत्तराषाढ़ा। चन्द्र:-           रोहिणी ,  हस्त ,  श्रवण। मंगल:-           मृगशिरा ,  चित्रा ,  धनिष्ठा। बुध:-                आश्लेषा ,  ज्येष्ठा ,  रेवती। बृहस्पति:-      पुनर्वसु ,  विशाखा ,  पूर्वा भाद्रपद। शुक्र:-                भरणी ,  पूर्वा फाल्गुनी ,  पूर्वाषाढ़ा। शनि:-                पुष्य ,  अनुराधा ,  उत्तरा भाद्रपद। राहु:-                     आर्द्रा ,  स्वाति ,  शतभिषा। केतु:-                     आश्विन ,  मघा ,  मूल।

क्या होतें है शुभ और अशुभ नक्षत्र ?

 ज्योतिष के हिसाब से   27 नक्षत्रों को तीन हिस्सों में बांटा गया है - शुभ नक्षत्र, मध्यम नक्षत्र और अशुभ नक्षत्र। शुभ नक्षत्र शुभ नक्षत्र वो होते हैं जिनमें किए गए सभी काम सिद्ध और सफल होते हैं।  इनमें 15 नक्षत्रों को माना जाता है :–  रोहिणी, अश्विन, मृगशिरा, पुष्य, हस्त, चित्रा, रेवती, श्रवण, स्वाति, अनुराधा, उत्तराभाद्रपद, उत्तराषाढा, उत्तरा फाल्गुनी, घनिष्ठा, पुनर्वसु । मध्यम नक्षत्र मध्यम नक्षत्र के तहत वह नक्षत्र आते हैं जिसमें आम तौर पर कोई विशेष या बड़ा काम करना उचित नहीं, लेकिन सामान्य कामकाज के लिहाज से कोई नुकसान नहीं होता।  इनमें जो नक्षत्र आते हैं वो हैं पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वाभाद्रपद, विशाखा, ज्येष्ठा, आर्द्रा, मूला और शतभिषा । अशुभ नक्षत्र अशुभ नक्षत्र में तो कभी कोई शुभ काम करना ही नहीं चाहिए। इसके हमेशा बुरे नतीजे होते हैं या कामकाज में बाधा जरूर आती है। इसके तहत जो नक्षत्र आते हैं वो हैं- भरणी, कृतिका, मघा और आश्लेषा । ये नक्षत्र आम तौर पर बड़े और विध्वंसक  विस्फोट  कामकाज के लिए ठीक माने जाते हैं जैसे - पहाड़ काटने क...

कौन ग्रह कितना बली है?

 ग्रहों का नैसर्गिक बल शनि से मंगल, मंगल से बुध, बुध से गुरु, गुरु से शुक्र, शुक्र से चन्द्र, चन्द्र से सूर्य उत्तरोत्तर बली कहलाते है।  उदाहरण से - यदि एक ही भाव में मंगल और शुक्र दोनों  विराजमान हो तो शुक्र का बल मंगल से ज्यादा होगा।