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Showing posts from April 2, 2023

ग्रहों का स्वभाव , फल , रोग और कारक तत्व

  ग्रहों का स्वभाव , फल , रोग और कारकत्व* सूर्य। आकाश मंडल का मुख्य केंद्र, सभी ग्रह इसी के प्रकाश से प्रकाशमय होते है। सबसे ज्यादा बलवान और पराक्रमी ग्रह। कारक : आत्मा. पिता, नेत्र, पराक्रम, तेज़, माणिक्य, राजा, शासनादी, हड्डीयों, पेट एवं हृदय। कुंडली में १, ९, १० भाव का कारक। विचार : शारीरिक गठन, शक्ति, पिता, वैध, उच्च वर्ग, प्रतिष्ठा, ग्रीष्म ऋतु, सोना, तांबा, शरीर का सुख। पित प्रकृति, सतोगुण,अग्नि – तत्व, पुरुष जाति, पूर्व दिशा का स्वामी, दिन में बली। मेष राशि में १० अंश उच्च एवं तुला राशि में १० अंश नीच। रत्न : प्रिय रत्न माणिक्य, क्षत्रिय जाति का ग्रह। रोग : रक्त, पित विकार, सिर दर्द, नेत्र रोग, ज्वर, ह्रदय रोग, अतिसार, पेट की बीमारी व हड्डियों का रोग, व्याकुलता । चंद्रमा मन के उपर प्रभाव, कुण्डली में चंद्रमा खराब होने पर मन और पाँचो इन्द्रियों पर प्रभाव। सूर्य से प्रकाश मिलने पर ही चमकता है, पूर्ण रूपसे पृथ्वी पर प्रभाव। तीव्र गति से घुमने वाला ग्रह ।सवा दो दिन एक राशी में भ्रमण , मन की संकल्प शक्ति चंद्रमा से प्रभावित। कारक : मन, बुद्धि, माता, धन, खूबसूरती, चावल, सफेद रंगो क...

कौन सा ग्रह किस रिश्ते के लिए है जिम्मेदार

 हर रिश्ते के लिए अलग अलग ग्रह जिम्मेदार होते हैं. सूर्य पिता के रिश्ते से सम्बन्ध रखता है तो चन्द्रमा माता का और मंगल भाई बहन का ग्रह है.आइए जानते हैं कौन सा ग्रह किस रिश्ते के लिए है जिम्मेदार-  सूर्य पिता के रिश्ते से सम्बन्ध रखता है. चन्द्रमा का संबंध माता से होता है. मंगल भाई बहन का ग्रह माना जाता है. बुध ननिहाल पक्ष का और बृहस्पति ददिहाल पक्ष का कारक है. बृहस्पति संतान पक्ष के रिश्तों का स्वामी होता है. शुक्र दाम्पत्य जीवन के रिश्तों का ग्रह है. शनि अपने अधीन लोगों के साथ रिश्तों का स्वामी है. बता दें, किसी भी रिश्ते को बनाने और निभाने में सबसे ज्यादा भूमिका चन्द्रमा और मंगल की ही मानी जाती है. रिश्तों में समस्या कब पैदा होती है ?  किसी भी रिश्ते में उस समय दूरी या खटास आने लगती हैं. जब कुंडली में रिश्तों के स्वामी ग्रह कमजोर होने लगते हैं. इसके अलावा रिश्तों में राहु का प्रभावअधिक होने पर भी रिश्तों में तनाव आ सकता है.अगर आपकी कुंडली में अग्नि तत्व की मात्रा ज्यादा है या फिर चन्द्रमा या मंगल की स्थिति खराब है तब भी आपके रिश्तों में समस्या पैदा हो सकती है.  रिश...

ग्रहों के कारक तत्व

  ग्रहों के कारक तत्व सभी ग्रह के कारक उस ग्रह के प्रभावों को प्रदर्शित करने में सहायक होते हैं. नौ ग्रहों में से जब कोई भी ग्रह अपने प्रभाव देता है तो उसे समझने के लिए उसके कारकों पर दृष्टि डालनी आवश्यक होती है. सूर्य ग्रह | Sun Planet आत्मा, स्वयं शक्ति, सम्मान, राजा, पिता, राजनीति हडिड्यों, चिक्तित्सा विज्ञान, स्वास्थ्य, ह्रदय, पेट. पित्त , दायीं आँख, रक्त प्रवाह में बाधा गर्मी तथा बिजली इत्यादि का कारक है सूर्य. चंद्र ग्रह | Moon Planet चंद्रमा मन, माता. मानसिक स्थिति, मनोबल, द्रव्य वस्तुओं, चित्त की प्रसन्नता, जलाश्य, यात्रा, सुख शंति, धन संपत्ति का शरीर के तरल पदार्थ, रक्त बायीं आँख, छाती, दिमागी परेशानी, महिलाओं में मासिक चक्र इत्यादि का कारक होता है. मंगल ग्रह | Mars Planet मंगल साहस, वीरता, शौर्य, शक्ति, क्रोध सेनापति, युद्ध, शत्रु अस्त्र-शस्त्र, दुर्घटनाओं, भूमि, अचल संपत्ति, छोते भाई बहनों, वैज्ञानिक डाक्टर्स, यान्त्रिक कार्यों, पुलिस, सेना, सिर, जानवरों द्वारा काटना, दुर्घटना, जलना, घाव, शल्य क्रिया, आपरेशन, उच्च रक्तचाप, गर्भपात इत्यादि का कारक होता है. बुध ग्रह | Merc...