हमारे जीवन में पांच तत्वों ( पृथ्वी , जल , अग्नि , वायु और आकाश ) का विशेष महत्व है. इसी तरह प्रकृति के सात रंग भी इंसान के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्रकृति के रंगों का प्रभाव हमारे व्यक्तित्व , रिश्तों और कामकाज पर पड़ता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार हर दिशा के लिए एक रंग निर्धारित किया गया है. उत्तर-पूर्वी कक्ष , जिसे घर का सबसे पवित्र कक्ष माना जाता है , इसमें सफेद या बैंगनी रंग का प्रयोग करना चाहिए। दक्षिण-पूर्व दिशा अग्नि से संबंधित होती है , इसलिए इस दिशा के लिए गुलाबी , ऑरेंज , पीला , नारंगी रंग सही होता है. क्योंकि इन रंगों से घर में ऊर्जा बनती है उत्तर भाग जल तत्व का माना जाता है. इसे धन यानी लक्ष्मी का स्थान भी कहा जाता है. इसकी साज-सजा में हरा या पिस्ता रंग का प्रयोग किया जाना चाहिए. उत्तर पश्चिम -दिशा या वायव्य कोण हवा से संबंधित होती है. इसी कारण इस दिशा के लिए हल्का स्लेटी , सफेद और क्रीम रंग उपयुक्त होता है. पश्चिम की दीवार या कक्ष के लिए नीले रंग का इस्तेमाल करना चाहिए. आप नीले रंग के साथ बहु...
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