हमारा भारत हमारी संस्कृति हमारी पहचान दो पक्ष - कृष्ण पक्ष , शुक्ल पक्ष ! तीन ऋण - देव ऋण , पितृ ऋण , ऋषि ऋण ! चार युग - सतयुग , त्रेतायुग , द्वापरयुग , कलियुग ! चार धाम - द्वारिका , बद्रीनाथ , जगन्नाथ पुरी , रामेश्वरम धाम ! चारपीठ - शारदा पीठ (द्वारिका), ज्योतिष पीठ (जोशीमठ बद्रिधाम), गोवर्धन पीठ (जगन्नाथपुरी) , शृंगेरीपीठ ! चार वेद- ऋग्वेद , अथर्वेद , यजुर्वेद , सामवेद ! चार आश्रम - ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , वानप्रस्थ , संन्यास ! चार अंतःकरण - मन , बुद्धि , चित्त , अहंकार ! पञ्च गव्य - गाय का घी , दूध , दही , गोमूत्र , गोबर ! पञ्च देव - गणेश , विष्णु , शिव , देवी , सूर्य ! पंच तत्त्व - पृथ्वी , जल , अग्नि , वायु , आकाश ! छह दर्शन - वैशेषिक , न्याय , सांख्य , योग ,...
जादू-टोना, रोचक तथ्य "आध्यात्मिक जानकारी" के साथ आपकी स्वास्थ्य समस्या का समाधान। सारी जानकारी पुरानी किताब, निजी अनुभव, हमारे अघोरी मित्र, ग्रामीण ओझा , भगत जी और इंटरनेट से ली गई है।