पूर्ण स्वयंचालित प्रणाली द्वारा किसी न किसी रूप में वर्तमान समय को प्रदर्शित करती हैउसे घड़ी कहते है। घड़ियाँ कई सिद्धान्तों से बनायी जाती हैं। जैसे धूप घड़ी, यांत्रिक घड़ी, एलेक्ट्रॉनिक घड़ी वैदिक घड़ी आदि|
वैदिक घड़ी - हर घड़ी में 12 भाव (घंटा )(बजने का स्थान) होते है| उसी तरह वैदिक घड़ी में भी 12 भाव होते है और हर भाव हमें कुछ सिखाता है,हर भाव का अलग अर्थ होता है|
◆ 12:00 बजने के स्थान पर
आदित्या: लिखा हुआ है, जिसका अर्थ यह है कि सूर्य 12 प्रकार के होते हैं.
अंशुमान,अर्यमन, इंद्र, त्वष्टा, धातु, पर्जन्य, पूषा, भग, मित्र, वरुण, विवस्वान और विष्णु।
◆ 1:00 बजने के स्थान पर
ब्रह्म लिखा हुआ है, इसका अर्थ यह है कि ब्रह्म एक ही
प्रकार का होता है।
एको ब्रह्म द्वितीयो
नास्ति
◆ 2:00 बजने की स्थान पर
अश्विनौ लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि अश्विनी कुमार दो हैं।
◆ 3:00 बजने के स्थान पर
त्रिगुणा: लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य यह है कि गुण तीन
प्रकार के हैं।
सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण।
◆ 4:00 बजने के स्थान पर
चतुर्वेदा: लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य यह है कि वेद चार
प्रकार के होते हैं।
ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।
◆ 5:00 बजने के स्थान पर
पंचप्राणा: लिखा हुआ है, जिसका तात्पर्य है कि प्राण पांच
प्रकार के होते हैं। अपान, समान, प्राण, उदान और व्यान।
◆ 6:00 बजने के स्थान पर
षड्र्सा: लिखा हुआ है, इसका तात्पर्य है कि रस 6 प्रकार के होते हैं।
मधुर, अमल, लवण, कटु, तिक्त और कसाय।
◆ 7:00 बजे के स्थान पर
सप्तर्षय: लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि सप्त ऋषि 7 हुए हैं।
कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ।
◆ 8:00 बजने के स्थान पर
अष्ट सिद्धिय: लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि सिद्धियां आठ प्रकार की होती है।
अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, इशित्व और वशित्व।
◆ 9:00 बजने के स्थान पर
नव द्रव्यणि अभियान लिखा हुआ है इसका तात्पर्य है कि 9 प्रकार की निधियां होती हैं।
पद्म, महापद्म, नील, शंख, मुकुंद, नंद, मकर, कच्छप, खर्व।
◆ 10:00 बजने के स्थान पर
दशदिशः लिखा हुआ है, इसका तात्पर्य है कि दिशाएं 10 होती है।
पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, आग्नेय, आकाश, पाताल।
◆ 11:00 बजने के स्थान पर
रुद्रा: लिखा हुआ है, इसका तात्पर्य है कि रुद्र 11 प्रकार के हुए हैं।
कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, अहिर्बुध्न्य,शम्भु,चण्ड और भव ।
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