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नक्षत्र क्या है ?

 

  नक्षत्र 

अंतरिक्ष में चंद्रमा की गति और पृथ्वी के चारों ओर घूमने की या परिक्रमा करने की प्रक्रिया अनवरत चलती है। चंद्रमा पृथ्वी की पूरी परिक्रमा 27.3 दिनों में करता है और 360 डिग्री की इस परिक्रमा के दौरान सितारों के 27 समूहों के बीच से गुजरता है। चंद्रमा और सितारों के समूहों के इसी तालमेल और संयोग को नक्षत्र कहा जाता है। 

जिन 27 सितारों के समूह के बीच से चंद्रमा गुजरता है वही अलग अलग 27 नक्षत्र के नाम से जाने जाते हैं।

हमारा पूरा तारामंडल इन्हीं 27 समूहों में बंटा हुआ है।

चंद्रमा का हर एक राशिचक्र 27 नक्षत्रों में विभाजित है। किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा जिस नक्षत्र में होगा या सितारों के जिस समूह से होकर गुजर रहा होगा वही उसका जन्म नक्षत्र माना जाता है।

यही आपकी किस्मत की चाभी होती है।

सभी 27 नक्षत्रों के नाम निम्न है

1.आश्विन, 2.भरणी, 3.कृतिका, 4.रोहिणी, 5.मृगशिरा, 6.आर्द्रा 7.पुनर्वसु, 8.पुष्य, 9.आश्लेषा, 10.मघा (सिंह), 11.पूर्वा फाल्गुनी, 12.उत्तरा फाल्गुनी (कन्या), 13.हस्त, 14.चित्रा, 15.स्वाति, 16.विशाखा, 17.अनुराधा, 18.ज्येष्ठा, 19.मूल, 20.पूर्वाषाढ़ा, 21.उत्तराषाढ़ा, 22.श्रवण, 23.धनिष्ठा, 24.शतभिषा, 25.पूर्वा भाद्रपद, 26.उत्तरा भाद्रपद और 27.रेवती।

27 नक्षत्रों की पहचान दक्ष प्रजापति की 27 बेटियों के तौर पर होती है | दक्ष ने अपनी बेटियों का विवाह चन्द्रमा से किया था | उन सभी में से चन्द्रमा को रोहिणी सबसे प्रिय थी


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