🍀 एंटीऑक्सीटेंड के सेवन का सबसे आसान तरीका है चटनियां 🍀
आजकल आहार विशेषज्ञों द्वारा एंटीऑक्सीडेंट का सेवन करने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये इम्युनिटी बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मगर हर चीज़ के लिए सप्लीमेंट लेना उचित नहीं है। इनके सेवन का सबसे अच्छा तरीका है इन्हें आहार में शामिल करना। रंग-बिरंगी गोलियों और कैप्सूल के रूप में एंटीऑक्सीडेंट लेने से बेहतर है मुंह में पानी ले आने वाली इन चटनियों का सेवन किया जाए। सबसे पहले यह समझते हैं कि आखिर एंटीऑक्सीटेंड का सेवन इतना महत्वपूर्ण क्यों है।
एंटीऑक्सीटेंड क्या है
एंटीऑक्सीडेंट अणु होते हैं, जो आपके शरीर में मुक्त कणों से लड़ते हैं। मुक्त कण ऐसे यौगिक होते हैं, जो आपके शरीर में उनका स्तर बहुत अधिक हो जाने पर नुकसान पहुंचा सकते हैं। वे मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर सहित कई बीमारियों से जुड़े हुए हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र अनौगी की वैज्ञानिक डॉ पूनम सिंह बताती हैं कि एंटीऑक्सीडेंट भोजन में पाए जाते हैं, विशेष रूप से फलों, सब्जियों और अन्य पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों में। कई विटामिन, जैसे विटामिन ई और सी, एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट हैं।खाने के साथ चटनी का सेवन करना भारतीय खानपान का एक हिस्सा रहा है। पोषक तत्वों को ग्रहण करने का सबसे स्वादिष्ट तरीका है चटनी। इसलिए, एंटीऑक्सीटेंड को आहार में शामिल करने के लिए स्वादिष्ट व पौष्टिक चटनियों को दैनिक आहार का हिस्सा बनायें।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चटनियों निम्न प्रकार से तैयार की जा सकती हैं।
1. पके आम की चटनी: आम फलों का राजा है और इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन ए , सी, प्रोटीन और फाइबर होते हैं जो समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत होने के नाते आम, इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर पाचन तंत्र दुरस्त रखने और कोलेस्ट्रोल जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से लड़ने में सक्षम है। इसके अलावा गर्मियों में आम खाने से लू नहीं लगती है।
आम की चटनी बनाने के लिए : एक जार में एक आम के गूदे और चीनी को अच्छी तरह मिक्स कर लें। चीनी के घुल जाने के बाद इसे करीब 4 दिन के लिए धूप में रखकर छोड़ दें। मगर इसे दिन में 2-3 बार जरूर चलाएं। इसके बाद इसमें नमक, लाल मिर्च पाउडर, काली मिर्च पाउडर, गर्म मसाला मिलाएं और तब तक धूप में रखें जब तक चीनी पूरी तरह घुल न जाए। चीनी के घुल जाने के बाद इसे एयर टाइट डिब्बे में भरकर रख दें।
2. इमली की चटनी: इमली में एंटीऑक्सीडेंट तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। साथ ही, इसमें टैरट्रिक एसिड होता है जो शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है। यह मधुमेह रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद है और मोटापे से लड़ने में भी मदद करती है। यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के साथ-साथ रेड ब्लड सेल्स को बनने में मदद करती है। इसके अलावा, इमली में विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो इम्युनिटी को बेहतर करते हैं।
चटनी बनाने के लिए :
एक इमली के पल्प में एक कप गुड़ और 1 कप पानी मिला लीजिए। फिर इसे गैस पर पकने रख दीजिए और इसमें काला नमक, लाल मिर्च और किशमिश डालकर उबाल आने दीजिए। चीनी के घुलने और घोल के गाढ़ा होने तक इसे पका लीजिए। आपकी इमली की स्वादिष्ट चटनी तैयार है।
3. पुदीने की चटनी: ये एंटीऑक्सीडेंट का सबसे अच्छा स्रोत है और कई बीमारियों के उपचार में मदद करता है। पुदीने का सेवन करना पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने और मुंह की बदबू को दूर करने का सबसे अच्छा उपाय है। गर्मियों में यह शरीर को ठंडक प्रदान करने के साथ साथ पोषक तत्वों की कमी नहीं होने देता।
पुदीने की चटनी तैयार करने के लिए : एक कप पुदीने के पत्ते, एक इंच अदरक, 2 हरी मिर्च और स्वादानुसार नमक को मिक्सी में पीस लें। ज़रुरत पड़ने पर पानी भी डाल लें, अब पिसी हुई चटनी को कटोरे में निकालकर उसमें एक बड़ा चम्मच नींबू का रस भी मिला लें। चटनी बनकर तैयार है।
4. करौंदे की चटनी: विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट का समृद्ध स्रोत होने की वजह से करौंदे इम्युनिटी बढाने में कारगर हैं। करोंदे का सेवन आपको ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने मन मदद करता है। साथ ही, अगर बढ़ते वजन को कम करने के लिए भी करौंदे को आहार में ज़रूर शामिल करें।
करौंदे की चटनी तैयार करने के लिए: एक कटोरे करौंदे को अच्छे से धोकर, 2 से 3 हरी मिर्च, एक लहसुन की कली, और स्वादानुसार नमक के साथ मिक्सी में पीस लें। साथ ही ज़रुरत पड़ने पर इसमें थोड़ा पानी भी मिलाएं करोंदे की चटनी बनकर तैयार है।
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