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पाण्डव, कौरव रोचक तथ्य

 

Ø 


पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -

1. युधिष्ठिर 2. भीम 3. अर्जुन 4. नकुल। 5. सहदेव

( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )

युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव की माता माद्री थी ।

Ø  धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र कौरव कहलाए जिनके नाम हैं -

1. दुर्योधन 2. दुःशासन 3. दुःसह 4. दुःशल 5. जलसंघ 6. सम 7. सह 8. विंद 9. अनुविंद 10. दुर्धर्ष  11. सुबाहु। 12. दुषप्रधर्षण 13. दुर्मर्षण।  14. दुर्मुख  15. दुष्कर्ण 16. विकर्ण  17. शल  18. सत्वान 19. सुलोचन  20. चित्र  21. उपचित्र 22. चित्राक्ष  23. चारुचित्र  24. शरासन 25. दुर्मद।  26. दुर्विगाह  27. विवित्सु  28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ 31. नन्द।  32. उपनन्द  33. चित्रबाण 34. चित्रवर्मा  35. सुवर्मा 36. दुर्विमोचन 37. अयोबाहु  38. महाबाहु  39. चित्रांग  40. चित्रकुण्डल 41. भीमवेग  42. भीमबल 43. बालाकि  44. बलवर्धन  45. उग्रायुध 46. सुषेण  47. कुण्डधर  48. महोदर 49. चित्रायुध  50. निषंगी  51. पाशी  52. वृन्दारक  53. दृढ़वर्मा  54. दृढ़क्षत्र 55. सोमकीर्ति  56. अनूदर  57. दढ़संघ  58. जरासंघ  59. सत्यसंघ  60. सद्सुवाक 61. उग्रश्रवा  62. उग्रसेन  63. सेनानी 64. दुष्पराजय  65. अपराजित  66. कुण्डशायी  67. विशालाक्ष 68. दुराधर  69. दृढ़हस्त  70. सुहस्त 71. वातवेग  72. सुवर्च  73. आदित्यकेतु  74. बह्वाशी 75. नागदत्त  76. उग्रशायी 77. कवचि  78. क्रथन।  79. कुण्डी  80. भीमविक्र  81. धनुर्धर  82. वीरबाहु  83. अलोलुप 84. अभय 85. दृढ़कर्मा 86. दृढ़रथाश्रय  87. अनाधृष्य  88. कुण्डभेदी।  89. विरवि  90. चित्रकुण्डल 91. प्रधम  92. अमाप्रमाथि  93. दीर्घरोमा 94. सुवीर्यवान   95. दीर्घबाहु  96. सुजात।  97. कनकध्वज  98. कुण्डाशी  99. विरज 100. युयुत्सु

( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहनभी थीजिसका नाम""दुशाला""था,

जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था )

1. महाभारत के रचयिता वेदव्यास जी थे.

2. महाभारत का वास्तविक नाम जयसंहिता था.

3. ऐसा माना जाता है कि महाभारत के अभिमन्यु कल्याण नामक एक राक्षस की आत्मा थी। कृष्ण भगवान ने उनकी आत्मा को कैद कर द्वारिका मे एक अलमारी में रखा था.

4. धृतराष्ट्र के पुत्रो का नाम कौरव था। और पांडु के पुत्रो का नाम पाडंव था.

5. वेदव्यास रचित महाभारत को तीन चरणों में रखा गया था। पहले चरण में 8800 श्लोक और दूसरी चरण में 24000 श्लोक तथा तीसरी चरण में 100000 श्लोक लिखे गये.

6. महाभारत युद्ध के दौरान कौरव सेना मे पांच सेनाध्यक्ष बनाये गये थे.

7. यदुवंशी राजा शूरसेन की पृथा नामक कन्या व वसुदेव नामक पुत्र था। इस कन्या को राजा शूरसेन अपनी बुआ के संतानहीन लड़के कुंतीभोज को गोद दे दिया था। कुंतीभोज ने इस कन्या का नाम कुंती रखा। कुंती का विवाह राजा पाण्डु से हुआ था.

8. जुए मे हारकर पांडव को 12 वर्ष वनवास तथा 1 वर्ष अज्ञातवास मिला था.

महाभारत के युद्ध मे पाडंव और कौरव की सेनाओ का अनुपात 7:11 का था.

भगवद् गीता महाभारत ग्रंथ का एक भाग है, जिसमे 18 अध्याय है.

एकलव्य के पिता का नाम हिरण्यधनु था.

गुरु द्रोणाचार्य के मागने पर एकलव्य ने दाहिने हाथ का अंगूठा काटकर दे दिया था.

कुंती पुत्र कर्ण का बचपन का नाम वसुषेण था.

महाभारत युद्ध के तीसरे दिन श्री कृष्ण ने अपनी प्रतिज्ञा तोडकर चक्र उठाकर भीष्म को मारने दौड पडे थे.

भीष्म पितामह 58 दिन तक शरशैय्या पर पडे रहे.

ब्रह्मास्त्र का प्रयोग सिर्फ दो ही योद्धा अर्जुन और अश्वत्थामा द्वारा किया गया था.

जरासंध व भीम का मल्लयुद्ध 14 दिन तक चला.

दुर्योधन के पुत्र का वध अर्जुन पुत्र अभिमन्यु ने किया था.

चक्रव्यूह मे फंसने के बाद अभिमन्यु को 6 महारथियो ने मिलकर मारा था.

 श्री कृष्ण के बडे भाई बलराम जी की मृत्यु समाधि लेकर हुई थी.

23. महाभारत युद्ध की समाप्ति पर अर्जुन और श्रीकृष्ण के रथ से उतरते ही रथ धू-धूकर जल उठा और पूरी तरह भष्म हो गया था.

24. श्रीकृष्ण के कुल का विनाश युद्ध के 36 वर्ष बाद हुआ था.

25. भीम का केवल एक पुत्र जीवित रहा था जिसका नाम सर्वगा था । उसको परीक्षित से ज्यादा ज्येष्ठ होने के बावजूद सिंहासन नही सौपा गया, वो अपनी मातृभूमि काशी का शाषक बना था.

26. एकलव्य कृष्ण का चचेरा भाई था, वह देवाश्रवा वसुदेव के भाई का पुत्र था। जो जंगल में खो गया था,रुक्मणी स्वयंबर के दौर पिता की रक्षा करते हुए एकलव्य की मृत्यु हो गयी थी। वह कृष्ण द्वारा मारा गया था.

27. कृष्ण के वैकुण्ठ जाने के बाद अर्जुन कृष्ण की पत्नियों को साधारण लुटेरो से नही बचा सके, इस दौरान उनका धनुष काफी भारी हो गया था और वो सारे मन्त्र भूल गया था ,कृष्ण की आठ पत्नियों ने आत्महत्या कर ली और बाकि लुटेरो द्वारा अगुआ कर ली गयी थी.

28. महाभारत के समय एक अक्षौहिणी सेना में 21 हजार आठ सौ सत्तर रथ, 21 हजार आठ सौ सत्तर हाथी, एक लाख नौ हजार 350 पैदल सैनिक, पैंसठ हजार छह सौ दस घोड़े होते हैं। अर्थात 2 लाख 18 हजार 700 (218700) यह सभी एक अक्षौहिणी सेना में होते हैं। संपूर्ण 18 अक्षौहिणी सेना की संख्या जोड़े तो लगभग अनुमानित 1968300 सैनिकों की संख्या होती है.

 


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