धनतेरस

दीपावली महोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है।दीपावली का पर्व मां लक्ष्मी के पूजन का पर्व होता है।
कार्तिक माह की अमावस्या को समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं जिन्हें धन, वैभव, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की देवी माना जाता है।
यह त्योहार 5 दिन का होता है, धनतेरस से शुरू होकर नरक चतुर्दशी, मुख्य पर्व दीपावली, गोवर्धन पूजा से होते हुए भाई दूज पर समाप्त होता है।
पहले दिन को धनतेरस कहते हैं। दीपावली महोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है। इसे धन त्रयोदशी, धन्वंतरि त्रियोदशी या धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज, धन के देवता कुबेर और आयुर्वेदाचार्य धन्वंतरि की पूजा का महत्व है। इसी दिन समुद्र मंथन में भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे और उनके साथ आभूषण व बहुमूल्य रत्न भी समुद्र मंथन से प्राप्त हुए थे। तभी से इस दिन का नाम 'धनतेरस' पड़ा | धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा भी करते हैं। इस दिन सोने-चाँदी के आभूषण और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।
वैसे धनतेरस पर अकाल मृत्यु से बचने के लिए यम के नाम का एक दीपक जलाया जाता है। धनतेरस की शाम को मुख्य द्वार पर 13 और घर के अंदर भी 13 दीप जलाने होते हैं। लेकिन यम के नाम का दीप परिवार के सभी सदस्यों के घर आने और खाने-पीने के बाद सोते समय जलाया जाता है। इस दीप को जलाने के लिए पुराने दीपक का उपयोग किया जाता है जिसमें सरसों का तेल डाला जाता है। यह दीपक घर से बाहर दक्षिण की ओर मुख कर नाली या कूड़े के ढेर के पास रख दिया जाता है। इसके बाद जल चढ़ा कर दीपदान किया जाता है।
कई घरों में इस दिन रात को घर का सबसे बुजुर्ग सदस्य एक दीया जला कर पूरे घर में घुमाता है और फिर उसे लेकर घर से बाहर कहीं दूर रख कर आता है। घर के अन्य सदस्य अंदर रहते हैं और इस दीये को नहीं देखते हैं। यह दीया यम का दीया कहलाता है। माना जाता है कि पूरे घर में इसे घूमा कर बाहर ले जाने से सभी बुराइयां और कथित बुरी शक्तियां घर से बाहर चली जाती हैं।
धनतेरस की ख़रीदारी
धनतेरस के दिन नए सामान की ख़रीदारी शुभ मानी जाती है लेकिन मान्यताओं के अनुसार इस दिन लोगों को कुछ चीजों को खरीदने से बचना चाहिए।
धनतेरस के दिन काले रंग की चीजें नहीं खरीदनी चाहिए।
इस दिन कोई भी नुकीली चीज नहीं खरीदना
चाहिए।
मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन कांच का सामान नहीं खरीदना चाहिए।
धनतेरस का दिन बहुत ही शुभ होता है, लेकिन इस दिन व्यक्ति को कुछ सावधनियां ज़रूर बरतनी चाहिए।
· घर की साफ-सफाई का काम धनतेरस से पहले ही पूरा कर लें। धनतेरस के दिन साफ़ घर में ही भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर भगवान का स्वागत करें।
धनतेरस के दिन दिन उधार लेना या उधार देना सही नहीं माना जाता है, इसीलिए इस बात का खास ध्यान रखें।
धनतेरस के दिन यदि आप कोई बर्तन खरीदते हैं तो घर लाते समय उसे बिलकुल भी खाली न लाएं और उसमें कुछ मीठा ज़रूर डालें।
धनतेरस के दिन तिजोरी में अक्षत रखते समय इस बात का ध्यान रखें कि अक्षत खंडित न हों। कभी भी तिजोरी में टूटे हुए अक्षत नहीं रखने चाहिए।
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