रत्न:-
सबसे पहले हम जान लेते हैं कि रत्न क्या है? काम क्या करता है?
क्या रत्न अशुभ / नीच ग्रह को शुभ कर सकता है ?
रत्नों का सिर्फ काम है ग्रह की ताकत / प्रभाव को बढ़ाना। जो भी ग्रह है उस ग्रह की ताकत, उस ग्रह के प्रभाव को बढ़ाना। अच्छे ग्रह हैं तो अच्छे ग्रह की ताकत को बढ़ाएगा और अगर कुंडली में वह ग्रह खराब स्थिति में है तो भी वह उसके प्रभाव को बढ़ाएगा। जो ग्रह हमारे कुंडली में अच्छे भाव में है अगर हम उनके रत्न पहनते हैं तो वह उसके प्रभाव को बढ़ाएगा जो हमें फायदा देगा।
जो ग्रह हमारे कुंडली में अशुभ / नीच में है खराब है तो रत्न शुभ नहीं कर सकता है बल्कि अगर उसके रत्न धारण करेंगे तो वह रत्न उसके प्रभाव को बढ़ाएगा और नीच / अशुभ होने के कारण वह ग्रह हमें परेशान करेंगे।
रत्न हमेशा शुभ / योगकारक / कमजोर ग्रह के ही धारण करने चाहिए। जो ग्रह कुंडली में शुभ हो लेकिन उसमें बल की कमी हो तो उससे संबंधित रत्न को धारण करना चाहिए।
जो ग्रह कुंडली में शुभ हो और बलवान हो तो उसके रत्न को धारण नहीं करना चाहिए, क्योंकि बलवान ग्रह का रत्न धारण करने से वह अशुभ फल देने लगते हैं। ज्यादा बलाबल होने से वह ग्रह उत्पात करने लगते हैं इसलिए हमेशा शुभ और कमजोर ग्रहों के रत्न ही धारण करने चहिए।
छठा, आठवां, बारहवां, (6,8,12) घर का रत्न बहुत सोच समझ कर अच्छे ज्योतिष से परामर्श करने के बाद ही धारण करना चाहिये ।
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लेख को अंत तक पढने के लिए धन्यवाद||
hii
ReplyDeletehello
Deletehello
ReplyDeleteHi Sr
ReplyDeletehello
ReplyDeleteप्रणाम सर
ReplyDeleteThanks
DeleteGM
ReplyDeletehello Hi
ReplyDeleteपवंधरापवंधरा
ReplyDeleteप्रणाम
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