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रत्न और उपरत्न

रत्न:-  रत्न सबसे पहले हम जान लेते हैं कि रत्न क्या है और काम क्या करता है,और कैसे काम करता है रत्नों का सिर्फ काम है ताकत को बढ़ाना। जो भी ग्रह है उस ग्रह की ताकत, उस ग्रह के प्रभाव को बढ़ाना। अच्छे ग्रह हैं तो अच्छे ग्रह की ताकत को बढ़ाएगा और अगर कुंडली में वह ग्रह खराब स्थिति में है तो भी वह उसके प्रभाव को बढ़ाएगा। जो ग्रह हमारे कुंडली में अच्छे भाव में है अगर हम उनके रत्न पहनते हैं तो वह उसके प्रभाव को बढ़ाएगा जो हमें फायदा देगा, जो ग्रह हमारे कुंडली में नीच में है खराब है अगर उसके रत्न धारण करेंगे तो भी वह रत्न उसके प्रभाव को बढ़ाएगा और नीच ग्रह होने के कारण अशुभ होने के कारण वह ग्रह हमें परेशान करेंगे। रत्नों का काम है उसके बल, उसके प्रभाव को बढ़ाना। रत्न कमजोर ग्रह के ही धारण करने चाहिए। जो ग्रह कुंडली में शुभ हो लेकिन उसमें बल की कमी हो तो उससे संबंधित रत्न को धारण करना चाहिए। जो ग्रह कुंडली में शुभ हो और बलवान हो तो उसके रत्न को धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि बलवान ग्रह का रत्न धारण करने से वह अशुभ फल देने लगते हैं। ज्यादा बलाबल होने से वह ग्रह उत्पात करने लगते हैं इसलिए हमेशा शुभ और कमजोर ग्रहों के रत्न धारण करने चहिए।

सूर्य

सूर्य का मुख्य रत्न हैमाणिक्य


उपरत्न - तामड़ी , लालड़ी , लाल तुरमली और गार्नेट

सबसे अच्छा उपरत्न "स्पाइनल" होता है

इसे अनामिका अंगुली में ताम्बे में धारण करना चाहिए

 

चन्द्रमा

चन्द्रमा का मुख्य रत्न है - मोती

उपरत्न - मून स्टोन , ऐगेट

मोती के स्थान पर चांदी में मूनस्टोन धारण करना सबसे ज्यादा उत्तम होता है


मंगल 

मंगल का मुख्य रत्न है - मूंगा 

मूंगे का एक ही उत्तम उपरत्न है - लाल हकीक

इसे ताम्बे में धारण करना लाभकारी होता है

 

बुध 

बुध का मुख्य रत्न होता हैपन्ना

उपरत्न हैं - हरा बैरुज , ओनेक्स , मरगज आदि 

परंतु इनमे सबसे अच्छा उपरत्न हैमरगज

इसे चांदी में धारण करना शुभ होता है  

 

बृहस्पति 

बृहस्पति का मुख्य रत्न है - पीला पुखराज

उपरत्न हैं - पीला बैरुज , सुनहला , येलो सिट्रीन आदि 

इसमें पीला बैरुज सबसे अच्छा उपरत्न है 

इसे पीतल या स्वर्ण में धारण करना शुभहोता है


शुक्र 

शुक्र का मुख्य रत्न है - हीरा, 

उपरत्न - जरकन , अमेरिकन डायमंड और ओपल

इनमे ओपल सबसे अच्छा उपरत्न है 

कभी कभी तो ओपल हीरे से भी ज्यादा अच्छा काम करता

इसे चांदी में धारण करना चाहिए

 

शनि 

शनि का मुख्य रत्न हैनीलम

उपरत्न हैं - नीली , नीला टोपाज , लाजवर्त , सोडालाइट

पर नीलम का सबसे अच्छा उपरत्न हैतंजनाईट

इसे चांदी में धारण करना शुभ होता है

 

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