Skip to main content

नींबू पानी पीने के नुकसान

नींबू पानी पीने के नुकसान: 

गर्मी में ज्यादातर लोग सुबह उठकर नींबू पानी का सेवन करते हैं। लेकिन क्या आपको नींबू पानी पीने के नुकसाने के बारे में पता है। 

नींबू के रस को पानी में डालकर पीने से शरीर को विटमिन सी, पोटैशियम और फाइबर तो मिलता है, लेकिन नींबू पानी पीने के कुछ नुकसान भी होते हैं। 

नींबू में साइट्रिक एसिड होता है, जिसकी ज्यादा मात्रा शरीर में जाने से यह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इतना ही नहीं इसके कारण कई समस्याएं भी होने लगती हैं। 

नींबू पानी पीने के नुकसान 

  • ज्यादा नींबू पानी पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिसके कारण डीहाइड्रेशन की समस्या बढ़ जाती है। 
  • नींबू पानी पीने से दांतों में सेंसटिविटी (ठंडा-गर्म लगना) की समस्या हो जाती है। 
  • ज्यादा नींबू पानी पीने से सीने में जलन की समस्या होती है।
  • नींबू पानी के ज्यादा सेवन से एसिडिटी की समस्या हो सकती है। 
  • नींबू में पाए जाने वाला एसिड शरीर की पाचन क्रिया को प्रभावित करता है। 
  • पाचन क्रिया प्रभावित होने के कारण पेट खराब होने जैसी कई पेट संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
  • ज्यादा नींबू पानी पीने से किडनी स्टोन (पथरी) की समस्या भी हो जाती है। 
  • इसके अलावा गुर्दे और पित्ताशय की थैली में समस्या आती है।

रखें इन बातों का ध्यान

  • किसी बीमारी को दूर करने के लिए नींबू पानी का सेवन न करें।
  • नींबू पानी पीने के बाद कोई तकलीफ महसूस हो तो इसका सेवन बंद कर दें। 
  • अगर शरीर को विटामिन सी की मात्रा के लिए लेना है तो आधे गिलास पानी में आधा नींबू का रस डालकर पीएं।




Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

विजयी तिलक

  सात वार के सात विजयी तिलक ► सोमवार सोमवार का दिन भगवान शंकर का दिन होता है तथा इस वार का स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं। चंद्रमा मन का कारक ग्रह माना गया है। मन को काब ू में रखकर मस्तिष्क को शीतल और शांत बनाए रखने के लिए आप सफेद चंदन का तिलक लगाएं। इस दिन विभूति या भस्म भी लगा सकते हैं। ► मंगलवार मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना गया है। इस दिन का स्वामी ग्रह मंगल है।मंगल लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन लाल चंदन या चमेली के तेल में घुला हुआ सिंदूर का तिलक लगाने से ऊर्जा और कार्यक्षमता में विकास होता है। इससे मन की उदासी और निराशा हट जाती है और दिन शुभ बनता है। ► बुधवार बुधवार को जहां मां दुर्गा का दिन माना गया है वहीं यह भगवान गणेश का दिन भी है।इस दिन का ग्रह स्वामी है बुध ग्रह। इस दिन सूखे सिंदूर (जिसमें कोई तेल न मिला हो) का तिलक लगाना चाहिए। इस तिलक से बौद्धिक क्षमता तेज होती है और दिन शुभ रहता है। ► गुरुवार गुरुवार को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। बृहस्पति ऋषि देवताओं के गुरु हैं। इस दिन के खास देवता हैं ब्रह्मा। इस दिन का स्वामी ग्रह है बृहस्पति ग्रह।गुरु को पीला...

कामप्रजाळण नाच करे I कवि दुला भाई काग कृत

 कामप्रजाळण नाच करे : रचना :- कवि दुला भाई काग कृत (छंद - दुर्मिला)  परमेश्वर मोद धरी पशुपाळण,कामप्रजाळण नाच करे, भभके गण भूत भयंकर भुतळ, नाथ अधंखर ते नखते, भणके तळ अंबर बाधाय भंखर , गाजत जंगर पांह गते ; डमरुय डडंकर बाह जटंकर , शंकर ते कईलास सरे, परमेश्वर मोद धरी पशुपाळण,कामप्रजाळण नाच करे, (1) हडडं खडडं ब्रह्मांड हले, दडडं दडदा कर डाक बजे, जळळं दंग ज्वाल कराल जरे , सचरं थडडं गण साज सजे ; कडके धरणी कडडं , हडडं मुख नाथ ग्रजंत हरे , परमेश्वर मोद धरी पशुपाळण,कामप्रजाळण नाच करे,(2) हदताळ मृदंग हुहूकट,हाकट धाकट धीकट नाद धरं, द्रहद्राह दिदीकट वीकट दोक्ट,कट्ट फरंगट फेर फरं ; धधडे नग धोम धधा कर धीकट,धेंकट घोर कृताळ धरे, परमेश्वर मोद धरी पशुपाळण,कामप्रजाळण नाच करे,(3) नट तांडवरो भट देव घटां नट उलट गूलट धार अजं, चहँ थाक दुदूवट दूवट खेंखट,गेंगट भू कईलास ग्रजं ; तत तान त्रिपुरारि त्रेकट त्रुकट, भूलट धुहर ठेक भरे, परमेश्वर मोद धरी पशुपाळण,कामप्रजाळण नाच करे,(4) सहणाई छेंछ अपार छटा,चहुथ नगारांय चोब रडे, करताल थपाट झपाट कटाकट, ढोल धमाकट मेर धडे ; उमया संग नाट गणं सरवेश्वर,ईश्वर 'थईततां,...

33 कोटि देवी देवता के नाम

  12 आदित्य, 8 वसु, 11 रुद्र और इन्द्र व प्रजापति को मिलाकर कुल 33 देवता होते हैं। कुछ विद्वान इन्द्र और प्रजापति की जगह 2 अश्विनी कुमारों को रखते हैं। प्रजापति ही ब्रह्मा हैं। 12 आदित्य : 1. अंशुमान, 2. अर्यमा, 3. इन्द्र, 4. त्वष्टा, 5. धाता, 6. पर्जन्य, 7. पूषा, 8. भग, 9. मित्र, 10. वरुण, 11. विवस्वान और 12. विष्णु। 8 वसु : 1. अप, 2. ध्रुव, 3. सोम, 4. धर, 5. अनिल, 6. अनल, 7. प्रत्यूष और 8. प्रभाष। 11 रुद्र : 1. शम्भू, 2. पिनाकी, 3. गिरीश, 4. स्थाणु, 5. भर्ग, 6. भव, 7. सदाशिव, 8. शिव, 9. हर, 10. शर्व और 11. कपाली। 2 अश्विनी कुमार : 1. नासत्य और 2. दस्त्र। कुल : 12+8+11+2=33