कुल देवी खुद रास्ता दिखाएगी
कुलदेवी का पता है, पूजा करते हो तो किसी के आगे हाथ जोड़ने की जरूरत नहीं।
कुलदेवी का मतलब सौ सुनार की, और एक लुहार की।।
लेकिन बहुत से लोगों को अपनी कुलदेवी का ही पता नहीं।
आज इसका उपाय बताता हूँ :- किसी भी शुभ दिन साबुत सुपारी लें ( खंडित न हो) सुबह नित्यकर्म से निबट कर पूजा के स्थान पर तांबा का सिक्का रखें, उस पर सुपारी रखें । जल के पात्र से कुछ बुँदे पानी की सुपारी पर डालिए।
एक मौली का धागा सुपारी पर रख कर कहिये :- माता जी वस्त्र अर्पित कर रहा हूँ।
सुपारी पर सिन्दूर लगा कर कहिये :- माता जी श्रृंगार ग्रहण करें ।
घी का दीपक जलाएं और कहें :- माता जी कोई गलती हो गयी हो तो अपना समझ कर माफ़ कीजिये, मेरी रक्षा कीजिये, और मेरे घर पर स्थान ग्रहण कीजिए और मुझे दर्शन दीजिए। सुपारी को कुलदेवी मान कर उसी जगह रहने दें । मौली चढ़ते ही सुपारी गौरी गणेश का रूप ले लेती है | अब हर रोज शाम को दीपक जलाएं और कहें माता जी दर्शन दीजिए | माता प्रसन्न होते ही सपने में ही कोई द्रश्टान्त मिलेगा | कुलदेवी अपने आप ही कोई रास्ता दिखाएगी |
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