Skip to main content

कमजोर चंद्रमा लक्षण और उपाय

 कमजोर चंद्रमा के बुरे प्रभाव – चंद्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय



पंडित और ज्ञानी लोग यह कहते हैं की आपको अपने मुख्य ग्रह और चंद्र को मजबूत करने के बारे में सोचना चाहिए साथ ही अपने इष्ट देव या देवी की नियमित आराधना करनी चाहिए ताकि आपका जीवन चिंता मुक्त और ख़ुशी से बीते| यहाँ आज हम आपको चंद्र ग्रह को शांत करने और मजबूत बनाने के लिए कुछ उपाय बताने जा रहे हैं| जहाँ एक और चंद्र की कृपा आपका जीवन खुशियों से भर सकता है वही इस ग्रह के कमजोर होने पर आपके जीवें में विपरीत प्रभाव पड़ते हैं आइये पहले जानते हैं की कमजोर चंद्र के दुश प्रभाव क्या हो सकते हैं और अगले भाग में चर्चा करेंगे की चन्द्रमा को मजबूत कैसे करे|

कैसे होता चन्द्र खराब?:

* घर का वायव्य कोण दूषित होने पर भी चन्द्र खराब हो जाता है। 

* घर में जल का स्थान-दिशा यदि दूषित है तो भी चन्द्र मंदा फल देता है। 

* पूर्वजों का अपमान करने और श्राद्ध कर्म नहीं करने से भी चन्द्र दूषित हो जाता है। 

* माता का अपमान करने या उससे विवाद करने पर चन्द्र अशुभ प्रभाव देने लगता है। 

* शरीर में जल यदि दूषित हो गया है तो भी चन्द्र का अशुभ प्रभाव पड़ने लगता है। 

* गृह कलह करने और पारिवारिक सदस्य को धोखा देने से भी चन्द्र मंदा फल देता है। 

* राहु, केतु या शनि के साथ होने से तथा उनकी दृष्टि चन्द्र पर पड़ने से चन्द्र खराब फल देने लगता है।

शुभ चन्द्र व्यक्ति को धनवान और दयालु बनाता है। सुख और शांति देता है। भूमि और भवन के मालिक चन्द्रमा से चतुर्थ में शुभ ग्रह होने पर घर संबंधी शुभ फल मिलते हैं।


चंद्र कमजोर होने के लक्षण
ऐसा माना जाता है की मून के कमजोर होने पर 4 से 14 साल के बीच और 18 से 24 साल के बीच माता को अपनी संतान के पास रहने में दिक्कत आती है और किन्ही कारणों से माता को संतान से दूर रहना पड़ता है||
इस ग्रह के ख़राब प्रभाव से आपको माता या आपके माता के मायके की तरह से वो प्यार नहीं मिल पाता जितना आपको मिलना चाहिए|
आपके वाहनों के साथ निरंतर समस्याएँ आती रहती हैं|
आपकी पढाई बीच में ही छोडनी पड़ती है और आप कई प्रकार के काम काज करते हैं लेकिन सफलता किसी में नहीं मिलती.
देखिए मैं हर महीने कैसे18,00,000 रूपए कमा लेती हूँ!
चंद्र ग्रह विपरीत होने पर आपकी संतान आपसे दूर रहेना चाहती है या रहना पड़ता है|
ज्यादा खर्च के बाद में आपका घर अव्यवस्थित और कांतिहीन रहता है|
आपको पैसे, समाज में इज्जत की कमी और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है|
आपके पालतू जानवर आपको काटते हैं|
घर में सीलन रहती ह|
पड़ोसियों से कम बनती है|
यदि आपकी भाषा में कटुता है और आपका चंद्र कमजोर है तो आपको शिक्षा और समाज में अधिक नाम नहीं मिलेगा|
आपके गुरु आप पर कम भरोसा करेंगे और आपकी उनसके कम बनेगी|
कमजोर चन्र्द वाले लोग अक्सर वाणी दोष के प्रभावित रहते हैं|
आपको अपने जीवन साथी से साथ और प्यार आपकी अपेक्षा से कम मिलेगा|
आपको अपनी बात दूसरों को समझाने में परेशानी होगी और इसकारण दुसरे आप पर कम विश्वास करेंगे|
आपको नहाना धोना कम पसंद होगा|
आप घर की साफ़ सफाई पर भी कम ध्यान देंगे|
आपका मन कमजोर रहेगा|
दिमाग तेज होने पर भी आप उसका इस्तेमाल करने में विफल रहेंगे|
आपकी पहली संतान को जीवन में कष्टों का सामना करना पड़ेगा और पहली संतान आपसे दूर रहेगी| यदि संतान पास होगी भी तो भी आपकी और उसकी कम बनेगी|
यदि आपके घर में या घर के आस पास पड़े घंटे वाली घडी है तो आपको संतान प्राप्ति में बाधा आएगी और यदि संतान होगी तो उसमें किसी परकार की जन्मजात त्रुटी होने की संभावना होगी|
आपकी आपनी पत्नी से कम बनेगी और इस बाधा को आप चंद्र शांति द्वारा दूर कर सकते हैं|
आपके सबकुछ अच्छा करने पर भी आपका बुरा ही होगा |
पूजा अर्चना का वंचित फल आपको नहीं मिल पायेगा|
आप जिसकी भी मदद करेंगे बाद में वो ही आपके खिलाफ होजायेगा|
यदि आपके परवार का चंद्र कमजोर है तो ऐसे घर में सास बहु के झगडे होना सवाभाविक होंगे|
यदि आपका चंद्र नीच है तो आप किसी को भी कोई दावा न दें अन्यथा गभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं|
धन दौलत का अभाव कमजोर चनरमा के कारन हो सकता है|
आप छोटी सी बात से भी डर जाते हैं|
आपको blood pressure की शिकायत रहती है|
स्वास्थ्य जल्दी बिगड़ता है बिना किसी कारण के|
चंद्र को मजबूत बनाने के उपाय | चंद्रमा शांति के उपाय
ऊपर जो प्रभाव दिए गए हैं और चंद्रमा की शांति और मजबूत बनाने के उपाय हैं वो हमारे पंडितों की देन हैं| इसलिए यदि ऊपर दिए गए सभी या कुछ लक्षण आपसे मिलते हैं तो आप निम्न उपाय करके अपने चंद्र ग्रह की शांति कर सकते हैं|
कभी भी दूसरों से चांदी की वास्तु उपहार सवरूप न लें|
साल में एक या दो बार चांदी की वास्तु दान करें|
दूध का दान हर सोमवार के दिन करें और स्वम दूध का सेवन न करें|
जिस चीज़ को आपने दान किया है उसे भूलने की कोशिश करें और जिससे आपने दान किया है उसका सम्मान करें|
नारियल खाइए, सफ़ेद कपडे धारण करिए और रोजाना अनुलोम विलोम करिए|
घर में चांदी के शिवलिंग की स्थापना करिए और उसकी रोजाना पूजा करिए|
घर की उत्तर में कृष्ण भगवन की मूर्ति की स्थापना करिए और उन्हें स्फतिक की माला धारण करवाइए| ऐसा करने से घर के सभी सदस्यों का चंद्र मजबूत होगा|
घर में मोर पंख रखने से भी चंद्र ग्रह की शांति होती है|
घर में जंगली कबूतर को न रहने दें|
यदि आपकी हर समय उपेक्षा होती है तो यह कमजोर चंद्र को दर्शाता है| ऐसी स्तिथि में कम बोलिए और धार्मिक किताबें पढ़िए और अपनी माता का सम्मान करिए|
चांदी की माला में सुपारी धारण करिए लेकिन चंद्र जाप के बाद|
पिता को रोजाना दूध देने से भी चंद्र ग्रह शांत होता है|
चांदी की माला अपने माता, पिता या बहिन से उपहार सवरूप लेकर धारण करिए|
पूरनमासी के दिन अपनी माता के साथ बैठकर शिव मन्त्रों का जाप करिए|
सर्दियों में केसर और शिकाजित का सेवन करिए|
घर में बड़ी घंटे वाली घडी न रखें|
घर में शंख नाद करने से भी फ़ायदा होता है|
यदि आपका चंद्र राहु और केतु के साथ है तब आपको अनिद्रा, घबराहट, बेचैनी, अवसाद, चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं| आप रोजाना ध्यान का अभ्यास कर्रिए और उनलोगों से न मिलिए जिनसे आपकी बनती न हो| साथ ही रोजाना छोटी इलाइची का सेवन करिए, हरी घास पर चलिए और खूब सारा पानी पीजिये|
इसके अलवा रोजाना चंद्र शान्ति मन्त्रों का जाप करिए, गाय को गुड दान करिए, और साथ ही हल्का और सुपाच्य भोजन करिए|

Comments

Popular posts from this blog

रत्न क्या कर सकता है ?

  रत्न:-   सबसे पहले हम जान लेते हैं कि रत्न क्या है? काम क्या करता है?  क्या रत्न अशुभ / नीच ग्रह को शुभ कर सकता है ? रत्नों का सिर्फ काम है ग्रह की ताकत / प्रभाव को बढ़ाना ।  जो भी ग्रह है उस ग्रह की ताकत, उस ग्रह के प्रभाव को बढ़ाना। अच्छे ग्रह हैं तो अच्छे ग्रह की ताकत को बढ़ाएगा और अगर कुंडली में वह ग्रह खराब स्थिति में है तो भी वह उसके प्रभाव को बढ़ाएगा। जो ग्रह हमारे कुंडली में अच्छे भाव में है अगर हम उनके रत्न पहनते हैं तो वह उसके प्रभाव को बढ़ाएगा जो हमें फायदा देगा।  जो ग्रह हमारे कुंडली में अशुभ / नीच में है खराब है तो रत्न शुभ नहीं कर सकता है बल्कि अगर उसके रत्न धारण करेंगे तो वह रत्न उसके प्रभाव को बढ़ाएगा और नीच / अशुभ होने के कारण वह ग्रह हमें परेशान करेंगे।  रत्न हमेशा शुभ / योगकारक / कमजोर ग्रह के ही धारण करने चाहिए। जो ग्रह कुंडली में शुभ हो लेकिन उसमें बल की कमी हो तो उससे संबंधित रत्न को धारण करना चाहिए।  जो ग्रह कुंडली में शुभ हो और बलवान हो तो उसके रत्न को धारण नहीं करना चाहिए, क्योंकि बलवान ग्रह का रत्न धारण करने से वह अशुभ ...

कामप्रजाळण नाच करे I कवि दुला भाई काग कृत

 कामप्रजाळण नाच करे : रचना :- कवि दुला भाई काग कृत (छंद - दुर्मिला)  परमेश्वर मोद धरी पशुपाळण,कामप्रजाळण नाच करे, भभके गण भूत भयंकर भुतळ, नाथ अधंखर ते नखते, भणके तळ अंबर बाधाय भंखर , गाजत जंगर पांह गते ; डमरुय डडंकर बाह जटंकर , शंकर ते कईलास सरे, परमेश्वर मोद धरी पशुपाळण,कामप्रजाळण नाच करे, (1) हडडं खडडं ब्रह्मांड हले, दडडं दडदा कर डाक बजे, जळळं दंग ज्वाल कराल जरे , सचरं थडडं गण साज सजे ; कडके धरणी कडडं , हडडं मुख नाथ ग्रजंत हरे , परमेश्वर मोद धरी पशुपाळण,कामप्रजाळण नाच करे,(2) हदताळ मृदंग हुहूकट,हाकट धाकट धीकट नाद धरं, द्रहद्राह दिदीकट वीकट दोक्ट,कट्ट फरंगट फेर फरं ; धधडे नग धोम धधा कर धीकट,धेंकट घोर कृताळ धरे, परमेश्वर मोद धरी पशुपाळण,कामप्रजाळण नाच करे,(3) नट तांडवरो भट देव घटां नट उलट गूलट धार अजं, चहँ थाक दुदूवट दूवट खेंखट,गेंगट भू कईलास ग्रजं ; तत तान त्रिपुरारि त्रेकट त्रुकट, भूलट धुहर ठेक भरे, परमेश्वर मोद धरी पशुपाळण,कामप्रजाळण नाच करे,(4) सहणाई छेंछ अपार छटा,चहुथ नगारांय चोब रडे, करताल थपाट झपाट कटाकट, ढोल धमाकट मेर धडे ; उमया संग नाट गणं सरवेश्वर,ईश्वर 'थईततां,...

रुद्राक्ष के महत्व, लाभ और धारण विधि

एक मुखी रुद्राक्ष इसके मुख्य ग्रह सूर्य होते हैं। इसे धारण करने से हृदय रोग, नेत्र रोग, सिर दर्द का कष्ट दूर होता है। चेतना का द्वार खुलता है, मन विकार रहित होता है और भय मुक्त रहता है। लक्ष्मी की कृपा होती है। दो मुखी रुद्राक्ष मुख्य ग्रह चन्द्र हैं यह शिव और शक्ति का प्रतीक है मनुष्य इसे धारण कर फेफड़े, गुर्दे, वायु और आंख के रोग को बचाता है। यह माता-पिता के लिए भी शुभ होता है। तीन मुखी रुद्राक्ष मुख्य ग्रह मंगल, भगवान शिव त्रिनेत्र हैं। भगवती महाकाली भी त्रिनेत्रा है। यह तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना साक्षात भगवान शिव और शक्ति को धारण करना है। यह अग्रि स्वरूप है इसका धारण करना रक्तविकार, रक्तचाप, कमजोरी, मासिक धर्म, अल्सर में लाभप्रद है। आज्ञा चक्र जागरण (थर्ड आई) में इसका विशेष महत्व है। चार मुखी रुद्राक्ष चार मुखी रुद्राक्ष के मुख्य देवता ब्रह्मा हैं और यह बुधग्रह का प्रतिनिधित्व करता है इसे वैज्ञानिक, शोधकर्त्ता और चिकित्सक यदि पहनें तो उन्हें विशेष प्रगति का फल देता है। यह मानसिक रोग, बुखार, पक्षाघात, नाक की बीमारी में भी लाभप्रद है। पांच मुखी रुद्राक्ष यह साक्षात भग...