इंसान 4 पैसे कमाने के लिए मेहनत करता है
बेटा
कुछ
काम
करोगे
तो
4 पैसे घर में आएँगे
आज
चार
पैसे
होते
तो
कोई
ऐसे
ना
बोलता
आख़िर क्यों चाहिए ये चार पैसे और चार ही क्यों तीन या पाँच क्यों नहीं?
तीन
पैसों
में
क्या
कमी
हो
जायेगी
या
पाँच
से
क्या
बढ़
जायेगा?
आइये समझते हैं कि क्या है इन चार पैसों का रहस्य .....
चार पैसा को चार भाग में विभाजित किया जाता है|
पहला पैसा भोजन है :-
अर्थात अपना तथा अपने परिवार
पत्नी, बच्चों का भरण-पोषण करना।
दूसरे पैसे से पिछला क़र्ज़ उतारना है :-
अर्थात अपने माता-पिता की सेवा के लिए
उनके द्वारा किए गये हमारे पालन-पोषण क़र्ज़ उतारने के लिए।
तीसरे पैसे
का
आगे
क़र्ज़
देना
है :-
अर्थात
सन्तान को पढ़ा-लिखा कर क़ाबिल बनाने के लिए
ताकि आगे
वृद्धावस्था
में
वे
आपका
ख़्याल
रख
सकें।
चौथे पैसे को कुएं में डालना है :-
अर्थात शुभ
कार्य
करने
के लिए
दान, सन्त
सेवा,
असहायों की
सहायता
करने
के लिए
यानि
निष्काम
सेवा
करना,
क्योंकि हमारे
द्वारा किए
गये
इन्ही
शुभ
कर्मों
का
फल
हमें इस
जीवन
के बाद
मिलने
वाला
है।
इन
कार्यों
के
लिए
हमें
चार
पैसों
की
ज़रूरत
पड़ती
है,
यदि तीन पैसे रह गए तो कार्य पूरे नहीं होंगे और पाँचवे पैसे की ज़रूरत ही नहीं है।
यही है चार पैसों का रहस्य
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